मुस्कराहट है चेहरे पर , चमक रही ये नज़र
उड़ रहा हूँ मैं अभी, गौर से देखो अगर ..
साथ नहीं चाहिए मुझे , अपनी ख़ुशी के लिए
पा लिया है मैंने खुद को , कहती है मेरी डगर
उड़ रहा हूँ मैं अभी, गौर से देखो अगर ..
ज़मीन पर पाँव रखे हैं , ये ज़मीन भी मेरी है
नाप दूंगा सारी दिशाएँ , ये भरोसा है खुद पर
उड़ रहा हूँ मैं अभी, गौर से देखो अगर ..
यकीन नहीं करते थे लोग, बदल दिया उनके यकीन को ,
तारीफें थमती नहीं अब , किसी भी पल चारों पहर
उड़ रहा हूँ मैं अभी, गौर से देखो अगर ..
उड़ान क्या होती है मुझसे पूछो
पंखों में आसमान लिए फिरता हूँ
चाह बस यही दिल में अब
उड़ता रहूँ शामो-सहर
उड़ रहा हूँ मैं अभी, गौर से देखो अगर ..
हसरतें अभी थमी नहीं
सपने और भी हैं अभी ,
लहरें थमती हैं साहिल पर
देखो आई एक और लहर
उड़ रहा हूँ मैं अभी, गौर से देखो अगर ..
No comments:
Post a Comment