Friday, February 15, 2013

तेरी ज़िन्दगी को तेरी जरुरत है ...


तू वो नहीं जो तेरा चला गया , तू वो नहीं जो तुझसे कहा गया,
तू वो नहीं जो औरों ने देखा ,मिटा अब अपने हांथों की रेखा ..

सिर्फ रेखाएं नहीं हांथों में , एक पूरी ज़िन्दगी है ,
खुद से सच बोल ज़रा, यही खुदा की बंदगी है ..

तू घाँस नहीं जिसे कुचलते हैं लोग , तू तो खुद ज़मीन है 
कोई मुकाबला नहीं तेरा , तू बेमिसाल है बेहतरीन है ..

तू जानता है कुछ है तुझमे 
ढूंढ , वो तुझमे ही है ,
एक लम्हा तेरा भी है इस दुनिया में 
तेरी  रूह को इसका यकीन है ..

तू दिल नहीं तू दिमाग नहीं , तू है ही कुछ और 
मिलेगा तू खुद से अगर, कर जरा खुद पर गौर.. 

कुछ पूछ अपने आप से ,जवाब मिलते हैं सवाल से , 
जो ढूंढ लेते हैं जवाब , वही होते हैं बेमिसाल से ..

"क्या किया है मैंने अब तक ? ", ये कोई सवाल नहीं ,
अगर बेहतर होना है तुझे ,हौसला रख, मलाल नहीं ..

फिर से लोग आ रहे हैं , भूल जा उन्हें , अभी , यहीं 
तू नहीं किसी के लिए अगर तू खुद के लिए नहीं .

शायद लोग कहें कि  ये आसान नहीं 
कह दे उनसे , " मैं इस से परेशान नहीं "
वो चलते हैं तुझे उड़ना है 
चलना आसान  होता है, उड़ान नहीं ..

ये चंद  बातें नहीं 
ये ज़िन्दगी की हकीकत है 
तू कह रहा है खुद से ये सब, क्यूंकि 
तेरी ज़िन्दगी को तेरी जरुरत है ...

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