Friday, February 15, 2013

दिल बहलाने के लिए...


एक प्यार ज़िन्दगी के लिए काफी है ,बस यही बात है ज़माने को बताने के लिए,
वही दो आँखें काफी हैं , अपने दिलो-जहां लुटाने  के लिए

वो हाँथ थामकर उनका , भीनी हवाओं के साथ चलना ,
एक रात का साथ निभाने के लिए, वो धीरे धीरे एक राह पर टहलना ,
इस जहां से दूर, उस पार जाने के लिए

वो अक्सर छेड़ा करते हैं हमें, शायद खुद रूठ जाने ले लिए ,
आँखों में नींद लेकर जागते हैं फिर, हमसे ही खुद को मनवाने के लिए

ये सारी  हरकतें करते हैं अक्सर , ज़रा हमें सताने के लिए ,
रूठना , मनाना , चलना ,टहलना ,
सब हैं अपना प्यार जताने के लिए ...

प्यार जताना भी जरुरी है हमदम , घर को खूबसूरत बनाने के लिए ,
प्यार से बेहतर कोई गुल नहीं , अपना घर सजाने के लिए

प्यार अब तक किया नहीं , ये ख़याल थे अपना दिल बहलाने के लिए 
, ये ग़ज़ल लिख दी आज हमने , बस ज़रा चैन पाने के लिए ...


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