एक प्यार ज़िन्दगी के
लिए काफी है ,बस यही बात है ज़माने को बताने के लिए,
वही दो आँखें काफी हैं , अपने दिलो-जहां
लुटाने के लिए…
वो हाँथ थामकर उनका , भीनी हवाओं के साथ
चलना ,
एक रात का साथ निभाने के लिए, वो धीरे धीरे एक
राह पर टहलना ,
इस जहां से दूर, उस पार जाने के लिए
…
वो अक्सर छेड़ा करते हैं हमें, शायद खुद रूठ जाने
ले लिए ,
आँखों में नींद लेकर जागते हैं फिर, हमसे ही खुद को
मनवाने के लिए…
ये सारी हरकतें करते हैं अक्सर , ज़रा हमें सताने के
लिए ,
रूठना , मनाना , चलना ,टहलना ,
सब हैं अपना प्यार जताने के लिए ...
प्यार जताना भी जरुरी है हमदम , घर को खूबसूरत
बनाने के लिए ,
प्यार से बेहतर कोई गुल नहीं , अपना घर सजाने के
लिए…
प्यार अब तक किया नहीं , ये ख़याल थे अपना दिल बहलाने के लिए
, ये ग़ज़ल लिख दी आज हमने , बस ज़रा चैन पाने के लिए ...
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