Wednesday, January 16, 2013

वक़्त बीत गया

बीते लम्हे हमें जब भी याद आते हैं, हमसे वो वापसी की फ़रियाद लाते हैं।।
कहनी थी एक बात तुमसे, जो नहीं कही , ये अश्क ज़बान तक वो बात लाते हैं।।
तुम्हारे साथ गुजारे वो मेहरबान पल , मुझ तक खुदा की कायनात लाते हैं ..
शायरी हमें कभी आती ना थी, ये ग़ज़लें तुझसे जुड़े जज़्बात लाते हैं ...
तेरी आँखें , तेरी अदायें , तेरी चाहत , जैसे शायरी की  किताब लाते हैं ...
जरुरत आज भी है मुझे तुम्हारी, ये मेरी शिकायत, तेरे खयालात लाते हैं।।।
और कल तक  प्यार था और आज कुछ भी नहीं , कैसे-कैसे पल ये हालात लाते हैं।।।

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